Success Story: रिल्स देखकर क्रैक किया UPSC एक्जाम, पहले IPS फिर बने IAS ऑफिसर

Success Story: यूपीएससी परीक्षा को पास करना बच्चों का खेल नहीं होता है इस परीक्षा को पास करने वाले बहुत ही पढ़ाई करते हैं और बहुत ही मेहनती होते हैं इसके लिए लग्न एवं परिश्रम और हर कुछ त्याग करना पड़ता है इसके बाद ही एक बड़ा रैंक का ऑफिसर बन पाते हैं चाहे आईपीएस हो या IAS हो.

यूपीएससी परीक्षा को पास करना एकदम बहुत ही मुश्किल सा होता है लेकिन बहुत कोई इसे साकार कर दिखाता है इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत ही पढ़ाई करनी पड़ती है बहुत ज्यादा मेहनत लगता है आज हम आपके सामने एक ऐसे ही अफसर के बारे में जानकारी लेकर आए हैं

जिनकी सक्सेस स्टोरी जानकर आप भी आश्चर्यचकित हो जाएंगे और मेहनत करने पर मजबूर हो जाएंगे जो ऑल इंडिया टॉपर रहे हैं यह कोई और नहीं बल्कि आदित्य श्रीवास्तव है आईए जानते हैं उनकी प्रेरणादायक कहानी के बारे में

आदित्य श्रीवास्तव ने सीएमएस अलीगंज से 12वीं पास करने के पश्चात आईआईटी कानपुर से बीटेक एवं एमटेक किया इसके बाद उन्होंने प्राइवेट कंपनियों में नौकरी करने के लिए बाद सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दिया.

तैयारी के लिए स्कॉलरशिप से लिया मदद

आदित्य ने बताया है कि उनके दादाजी शिवराम श्रीवास्तव ईट से सेवानिवृत है बीटेक के दौरान शुरुआती 2 साल की फीस उन्होंने भरी थी इसके बाद उन्होंने गर्मी से स्कॉलरशिप मिली थी इसका उपयोग उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए भरपूर उठाया.

पहले प्रयास में नहीं मिला उनको सफलता

आदित्य को अपनी मां के मामा के आईएएस बनने की प्रेरणा मिले बीटेक करने के प्रसाद आदित्य को उनके प्रारंभिक परीक्षा में ही सफलता मिल गई पिछली परीक्षा में 236वीं रैंक के साथ आईपीएस के रूप में सेलेक्ट होने के बाद अब आईएएस बनने में सफलता हासिल किया है

पहली बार प्री एग्जाम में फेल हुआ था पर हार नहीं माना

अपने पहले प्रयास में फेल होने के पश्चात अक्सर लोग हार मान जाते हैं लेकिन आदित्य ने इसे गलत कर दिखाया है जी हां नहीं सिरे से प्लान बनाकर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी उन्होंने सेल्फ स्टडी के माध्यम से यूपीएससी की तैयारी की प्रारंभिक परीक्षा पास होने के लिए सिविल सेवा में अपने ऑप्शनल विषय के रूप में इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग को चुनाव तैयारी के दौरान माइंड फ्रेश करने के लिए वह गाने सुनते थे

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पढ़ाई के बाद सिर्फ वह खाना खाने के लिए अपने कमरे से निकलते थे इसके बाद वह अपना तैयारी पर ज्यादा समय बिताते थे और उन्होंने कहा है कि वह सबसे ज्यादा रेल्स पर भी अपना फोकस बनाते थे और लोगों की सक्सेस स्टोरी लोगों की सफलता की कहानी उन्हें बहुत पसंद आई थी.

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